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show episodes
 
This Hindi Podcast brings to you in-depth conversations on politics, public policy, technology, philosophy and pretty much everything that is interesting. Presented by tech entrepreneur Saurabh Chandra, public policy researcher Pranay Kotasthane, and writer-cartoonist Khyati Pathak, the show features conversations with experts in a casual yet thoughtful manner. जब महफ़िल ख़त्म होते-होते दरवाज़े के बाहर, एक पुलिया के ऊपर, हम दुनिया भर की जटिल समस्याओं को हल करने में लग जाते हैं, तो हो जाती है ...
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show series
 
Welcome to another edition of Puliyabaazi! In today’s episode, we dive into the world of data journalism with noted data journalist Rukmini S. She is the founder of Data for India, a public platform aimed at uncovering new insights about India through data. In this conversation, we discuss the current landscape of data journalism in India. Has the …
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एक वोट, एक मूल्य ये प्रजातंत्र का मूल सिद्धांत है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, बदलती जनसंख्या के साथ लोकसभा की सीटों का बंटवारा भी बदलने की व्यवस्था हमारे संविधान में की गयी थी। हर दशकीय जनगणना के बाद जनसंख्या के अनुपात में सीटों का बंटवारा होना था। लेकिन, इमरजेंसी के दौरान इस व्यवस्था को पच्चीस सालों के लिए स्थगित कर दिया गया। २००१ में इस बंटवा…
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एंटीबायोटिक की खोज मानव जाति के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था। इससे इंसानों का जीवनकाल बढ़ा और स्वास्थ्य सेवा में क्रांतिकारी बदलाव आया क्योंकि लोग अब मामूली चोटों और संक्रमणों के कारण नहीं मर रहे थे। लेकिन अब एक नया खतरा मंडरा रहा है - सुपरबग बैक्टीरिया अब तक खोजे गए एंटीबायोटिक्स के प्रति तेजी से प्रतिरोधी होते जा रहे हैं। एंटीबायोटिक प्रतिरोध को तेज…
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Why is the housing market in India so expensive? Why is buying a house a decision fraught with risk and uncertainty? How can we find clues about the nexus between the builders and the politicians? This week, we speak to Vaidehi Tandel, an urban economist, who has researched into the issues that plague India’s housing market. भारत में घर इतने महंगे …
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नमस्कार, जासूसी कथा और कमांडो मिशन के किस्सों में किसे दिलचस्पी नहीं होती। हालिया, आईसी-814 के हाईजैक पर सीरीज़ के चलते ये किस्सा फिर से चर्चा में है, तो हमने सोचा कि क्यों न किसी ऐसे मेहमान से बात की जाए जो खुद इस घटना में शामिल थें। आज की पुलियाबाज़ी पर हमारे मेहमान हैं आनंद आरणिजी जो IC-814 की घटना में उन पांच अफसरो में से थे जिन्हें भारत सरकार के…
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Last week, the long ongoing conflict between Israel and Hezbollah saw an escalation with the blasts of pagers and other communication devices given to the members of Lebanon based political party and terrorist group Hezbollah. As we write this post, this situation is still evolving and it will take some time before the long term consequences of the…
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इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर चर्चा चीन के बेलगाम उत्पादन की। क्या चीन के अतिरिक्त उत्पादन से दुनियाभर के देशों के उद्योग पर जोखिम मंडरा रहा है? कई देश इस पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं, तो ऐसे में भारत को क्या करना चाहिए? चीन की मैन्युफैक्चरिंग से हम क्या सीख सकते है? इन सब बातों पर चर्चा आज की पुलियाबाज़ी पर। We discuss: * China’s overcapacity—a struct…
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इस पुलियाबाज़ी पर हमारे मेहमान हैं जावीद अहमद जी जो उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी रह चुके हैं, और एक आईपीएस अधिकारी के रूप में विभिन्न भूमिकाओं में काम कर चुके हैं। एक पुलिस अधिकारी को किन हालात में काम करना पड़ता है? उनकी कार्य परिस्थितियाँ कैसी हैं और पुलिस सुधारों की कमी हमारे समाज को कैसे प्रभावित करती है। आज पुलिया पर इन सब बातों पर खुलकर …
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आज पुलियाबाज़ी की २५०वि कड़ी प्रस्तुत है। इस सफर में हमारे साथ जुड़े रहने के लिए शुक्रिया। इस ख़ास मौके पर चर्चा रोज़गार के विषय पर। भारत में समस्या रोज़गार की है या वेतन की? क्या दिक्कतें है जिनकी वजह से भारत में कृषि सेक्टर से मैन्युफैक्चरिंग की तरफ नौकरियों का स्थानांतरण नहीं हो पाया? भविष्य में नौकरियाँ कहाँ से आएगी? इन सब बातों पर चर्चा TeamLease Se…
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प्रिय श्रोतागण, आज 249वी पुलियाबाज़ी पर एक अनूठे विषय पर चर्चा प्रस्तुत है। हम ने लोकनीति, टेक्नोलॉजी और सांस्कृतिक विषयों पर काफ़ी बातचीत की है, लेकिन किसी भी भाषा के साहित्य पर बहुत ज़्यादा चर्चा नहीं हुई है। अमित बसोले जी के साथ भक्ति मार्ग के विषय पर बात करते वक़्त कुछ भक्ति काव्य की बात हुई थी, पर उस चर्चा में मुख्य विषय अलग था। आज की चर्चा का विष…
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हालिया बजट के बाद कई राज्य सरकारें आंध्र प्रदेश और बिहार राज्य को दिए जा रहे स्पेशल पैकेज के बारे में शिकायत करते हुए पाई गई। पर इससे बड़ा मुद्दा है केंद्र सरकार और राज्यों के बीच वित्तीय वितरण का। 62% राजस्व केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है जब कि राज्य सरकारें 62% खर्चे के लिए जिम्मेदार हैं। यह राजकोषीय असंतुलन राज्यों की अपनी जिम्मेदारियों क…
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स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘आज़ादी की राह’ के इस ख़ास एपिसोड पर हम समझते हैं हमारे संविधान सभा के कामकाज के बारे में। संविधान सभा का गठन कैसे हुआ? सभा में निर्णय कैसे लिए जाते थे? बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान सभा में क्या भूमिका निभाई? क्या हमारे संविधान को एक कोलोनियल संविधान कहा जा सकता है? इन सब दिलचस्प सवालों पर विस्तार से चर्चा प्रोफेसर अच्युत …
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ओलंपिक खेल के इस अवसर पर हमने सोचा कि क्यों न खेल कूद पर ही एक पुलियबाज़ी हो जाये। हमारे समाज को खेल की चिंता क्यों करनी चाहिए? खेल समाज के लिए एक दर्पण की तरह काम करता है, जो उसके मूल्यों, आकांक्षाओं और चुनौतियों को दर्शाता है। इसके अलावा, खेल एक जीवंत प्रयोगशाला की तरह है जहाँ मानवीय क्षमता और मानदंडों की सीमाओं को चुनौती दी जा सकती है और उन्हें फ…
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पिछले हफ़्ते कर्नाटका के CM द्वारा घोषित स्थानीय आरक्षण ड्राफ्ट बिल पर काफ़ी हल्ला मचा। इस प्रकार का आरक्षण इससे पहले हरयाणा ने भी लाने की कोशिश की थी, पर उसे हरयाणा हाई कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया था। कर्नाटका में भी इस पॉलिसी को फिलहाल तो होल्ड पर रखा गया है पर सवाल ये है कि राज्य सरकारें ऐसी नीतियां क्यों लाती रहती हैं? क्या ऐसी संकीर्ण नीति…
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Power sector will play a crucial role in India's climate transition. However, reforms remain stalled and the price system is broken in this sector dominated by the state. What are some possible solutions to navigate this challenge? This week on Puliyabaazi, Akshay Jaitly joins us to give us a comprehensive view of the sector and presents new ideas …
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पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था उथल-पुथल भरे दौर से गुज़र रही है। बढ़ती महंगाई और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के जीवन स्तर को काफ़ी प्रभावित किया है। इसके पीछे क्या वज़ह है? पाकिस्तान इन आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए ज़रूरी सुधारों को लागू क्यों नहीं कर पा रहा है? इस हफ़्ते, हम बात करेंगे उज़ैर यूनुस से, जो अपने पॉडकास्ट पाकिस्तो…
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पेरिस ओलंपिक्स के नजदीक आने के साथ ही भारत में कई खेल प्रेमी सोच रहे होंगे: भारत ओलंपिक की मेजबानी कब करेगा? लेकिन अगर कोई खेल प्रेमी पुलियाबाज़ी का श्रोता है, तो वह सबसे पहले यह सवाल पूछेगा: क्या भारत को ओलंपिक की मेजबानी करनी चाहिए? क्या इस तरह के आयोजन से भारत में खेल को बढ़ावा मिलेगा या यह हमारे सीमित संसाधनों की बर्बादी होगी? क्या कोई और विकल्…
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इस सप्ताह पुलियाबाज़ी पर हम चर्चा करते हैं कि कैसे फ्री मोबिलिटी समझौतों के माध्यम से भारतीयों के लिए नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। क्या यह हमारे ब्रेन ड्रेन को ब्रेन गेन में बदलने का मार्ग हो सकता है? ज़रूर सुनें। This week on Puliyabaazi, we discuss how new opportunities can be created for Indians by improving rotational labour mobility for India…
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इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर और एक सफरनामा जिसमें सौरभ देते हैं अपने बोस्टन सफर का ब्यौरा। क्या इकोसिस्टम है बोस्टन में जिससे वहाँ रोबोटिक्स से लेकर बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्र में अप्रतिम संशोधन निकल कर आते हैं? क्या चीन में भी ऐसी इकोसिस्टम बनाना संभव है? जुड़िये इस पुलियाबाज़ी पर। अगर आपकी कोई टिप्पणियाँ हो तो ज़रूर भेजें। अगर आप पुलियाबाज़ी पर अपने विचार…
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भारत में आर्थिक विश्लेषण अक्सर राज्य-केंद्रित होता है। हालाँकि, राज्यों के भीतर भी काफ़ी आर्थिक भिन्नताएँ हैं। भारत को क्षेत्रीय विविधता के नज़रिए से देखना शायद ज़्यादा सटीक होगा- 85 क्षेत्रों का देश, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अर्थव्यवस्था, भौगोलिक पहचान, संसाधन और कुशलता हैं। इस नज़रिए से भारत कैसा दिखता है? क्षेत्रीय स्तर पर विश्लेषण से हम भारत क…
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ये अंक २०१९ लोक सभा चुनाव के पहले प्रकाशित किया गया था इलोन मस्क के EVM से जुड़े ट्वीट ने इस मशीन को एक बार फिर अख़बारों के प्रथम पृष्ठ पर ले आया है | तो पुलियाबाज़ी में हमने इस प्रश्न से हटकर मतदान प्रक्रिया को समझने का प्रयास किया | इस पुलियाबाज़ी में हमारे गेस्ट है श्री अलोक शुक्ला जो २००९ और २०१४ के बीच भारत के डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर रह चुके हैं …
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'कोस कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी, जो नहीं बदलती वो है हिंदुस्तानी।’ तो आइये करते है आज हिंदुस्तानी भाषाओं पर एक पुलियाबाज़ी। जिसमे बातें पाकिस्तान में बोली जाती एक द्रविड़ भाषा ब्राहुई से लेकर पूर्वोत्तर के बाजार की भाषा नगामीस तक। एक दूसरे के जैसी पर एक दुसरे से अलग, ऐसी भारतीय भाषाओं की कहानी संपादक और लेखक कार्तिक वेंकटेश के साथ। This week, …
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नीतियां बनाते वक़्त, ये समझना ज़रूरी होता है कि लोग कैसे सोचते हैं और कैसे अपना व्यवहार तय करते हैं, तभी कामयाब और फायदेमंद नीतियां बन पाएंगी। लेकिन, क्या नीति बनाने वाले ये मान लें कि लोग अक्सर अतार्किक फैसले लेते हैं या ये कि लोग ज़्यादातर विवेकशील होते हैं? आखिर, ऐसी मान्यताओं के आधार पर कैसी नीतियां बनेंगी? आइये, करते हैं आज इसी पर चर्चा। In the …
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क्या आपको पता है कि विश्व युद्ध और भारत के बंटवारे के बाद भी दशकीय जनगणना समय पर की गयी थी, जब की हालिया दशकीय जनगणना करने में देरी हो चुकी है। इससे शासन प्रणाली पर काफ़ी असर पड़ेगा क्योंकि हर एक जिल्ले में कितनी सरकारी सुविधा प्रदान की जाये ये जनगणना के हिसाब से निश्चित किया जाता है। जनगणना और जनसंरचना याने कि डेमोग्राफी एक दिलचस्प विषय है जिसको गहर…
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अक्सर हमारे नेता भारतीय शहरों को सिंगापुर जैसा बनाने का सपना रखते है। क्या है जो हमारे शहर सिंगापुर से सीख सकते हैं? इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर सुनिए सिंगापुर यात्रा से प्रणय के अवलोकन। इस सफ़रनामा में बात खुले व्यापार से लेकर स्ट्रीट लाइट्स तक। सुनियेगा ज़रूर। Singapore is often seen as a model for development for Indian cities. This week, Pranay shares…
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क्या आपने कभी सोचा है कि एक न्यायपूर्ण समाज कैसा दिखता है? आज हम न्यायपूर्ण समाज की दो परिकल्पना को समझेंगे, जॉन रॉल्स और रोबर्ट नोज़िक के दृष्टिकोण से। जॉन रॉल्स करते हैं समानता की पैरवी, जब के नोज़िक रखते हैं स्वतंत्रता का पक्ष। इस पुलियाबाज़ी में हम दोनों पक्षों के तर्क को समझने की कोशिश करेंगे। क्या इसमें कोई समाधान की आशा है? वो तो आप ही सुनिए, …
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भारत में भवन निर्माण कोड तो कई है, पर क्या वे सभी तर्कसंगत और व्यावहारिक है? समय के साथ जड़ हो गए बिल्डिंग कोड से भारतीय कंपनियों का कितना नुकसान हो रहा है? क्या है इसके दीर्घकालिक परिणाम? आज इस विषय को गहराई से समझेंगे भुवना आनंद और सरगुन कौर के साथ जिन्होंने स्टेट ऑफ़ रेगुलेशन रिपोर्ट में भारतीय फैक्ट्रियों के बिल्डिंग कोड का गहराई से अध्ययन किया ह…
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हम सभी जानते है कि भारत की राज्य क्षमता यानी की state capacity सीमित है। इसका असर आम भारतीयों के जीवन पर भी होता है। प्राथमिक शिक्षा का उदाहरण लें तो यदि हम यथास्थिति बनाए रखते हैं, तो 2047 तक, हमारे पास अन्य 20 करोड़ बच्चे होंगे जो बुनियादी साक्षरता के बिना प्राथमिक शिक्षा पूरी करेंगे। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि राज्य की क्षमता कैसे बढ़ाई जाए? सरकार…
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इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर हमारे दो बेंगलुरु निवासी होस्ट ‘कारे मेघा, कारे मेघा’ का आलाप लगाते पाए गए। पानी कब बरसेगा ये तो पता नहीं, पर इस पानी की समस्या में छिपे कुछ पब्लिक पॉलिसी के पाठ प्रणय ने ख़ोज निकाले। जब किसी संसाधन की कमी हो तो उसकी सही कीमत लगाने से उसका सही उपयोग निश्चित किया जा सकता है, ये तो पुलियाबाज़ी के श्रोता जानते ही होंगे। आज की पुलि…
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आज़ादी के बाद भारत में जो राजनीतिक पार्टियां उभर कर आ रही थी उसमें से एक थी राजाजी द्वारा स्थापित स्वतंत्र पार्टी। उनकी कोशिश थी की आज़ादी के बाद के भारत में कांग्रेस की योजनाबद्ध व्यवस्था के सामने स्वतंत्र आर्थिक नीति के समर्थन में एक प्रतिपक्ष रखा जाये। क्या थी इस स्वतंत्र पार्टी की विचारधारा और उसकी राजनीति? जिस समय देश में समाजवादी विचारधारा का प…
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हाल ही में सौरभ अपने काम को लेकर अमरीका जाकर आए। तीन अलग अलग शहर एटलांटा, डेट्रॉइट और पालो आल्टो की मुलाकात ली। तो आइये जानते है कि अमेरिका में व्यापार प्रदर्शन कैसे होते है? कौन बचा सकता है एक दिवालिया शहर की कलाकृतियों को? और ऐसे कई अनोखे अवलोकन सौरभ के पिटारे से। This week, we get a peek into the world of manufacturing in the US as Saurabh share…
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ऐतिहासिक रूप से भारत-अमेरिका संबंध "कभी हां कभी ना" जैसा रहा है। हाल के वर्षों में बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य के साथ इसमें बदलाव आया है, लेकिन कुछ कारणवश हम आज भी अमरीका को थोड़ा संदेह के साथ देखते है। भारत-अमरीका संबंधों के विरुद्ध जो तर्क दिए जाते हैं उनमें कितना दम है? अमेरिका के साथ घनिष्ठ साझेदारी बनाने में भारत को क्या आर्थिक और तकनीकी लाभ होग…
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हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा बिठाई गयी उच्च स्तरीय समिति ने भारत में समकालिक चुनाव पर अपनी रिपोर्ट पेश की। सरकार एक देश एक चुनाव को लेकर काफ़ी संजीदा है। तो क्या है इस समिति के सुझाव? क्या इनसे समस्या सुलझेगी या और उलझेगी? इसी बात पर सुनिए आज की पुलियाबाज़ी। This week on Puliyabaazi, we discuss the High Level Committee Report on simultaneous electi…
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भारत में ट्रैफिक की समस्या से तो हम सभी जूझते है, तो क्यों न इसी विषय पर आज एक विशेषज्ञ से बात की जाए? आज हमारे मेहमान हैं IIT-Delhi से जुड़े असिस्टेंट प्रोफ़ेसर राहुल गोयल जो भारतीय रास्तों को सुरक्षित बनाने के विषय पर संशोधन करते हैं। तो आइये जानते हैं उनसे ही कि क्या कारक है जो हमारे रास्तों को असुरक्षित बनाते हैं और उन्हें कैसे ठीक किया जाए। Our …
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कहते है न कि पब्लिक पॉलिसी में अक्सर पब्लिक ही गायब रहती है। इसलिए हमारी कोशिश रहती है कि किसी तरह लोगों की लोकनीति में रुचि बढ़ाई जाए । पुलियाबाज़ी भी उसी दिशा में एक कदम है। अब इस श्रृंखला में एक और कड़ी जुड़ चुकी है—ख्याति, प्रणय और अनुपम की नयी किताब ‘We, the Citizens’ जो लोकनीति के मुश्किल पाठ चित्रों के द्वारा आसान भाषा में सीखाने की कोशिश करती…
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ये DPI क्या होता है? टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में क्या नीतियाँ उभर कर आ रही है? इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर भारत की टेक्नोलॉजी पॉलिसी में एक डुबकी टेक पॉलिसी विशेषज्ञ निखिल पाहवा के साथ। What constitutes Digital Public Infrastructure? How is the policy framework shaping up around DPI? What are the concerns for us as citizens as more and more things in our …
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किसान आंदोलन सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है। हाल ही में यूरोप भर के किसान भी अलग अलग मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है। ऐसा क्यों? क्या है उनकी मांगे? क्या है जो खेती को दुसरे व्यव्यवसायों से अलग बनाता है? Farmers protest is not a phenomenon limited to India. Recently, farmers all across Europe have been protesting for various reasons? What are the p…
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As election season arrives in India, we thought this was a good time to revisit our conversation about understanding the Indian voter. Listen in to this week’s Puliyabaazi as Rahul Verma, Fellow at Centre for Policy Research, joins us to discuss the changing trends in Indian elections. क्या भारतीय वोटर आर्थिक मुद्दे पर बटा है? क्या भारत में राजनैति…
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This week on Puliyabaazi, listen in as Saurabh Chandra shares his words of advice about start-ups and entrepreneurship. How to evaluate your start-up idea? What are the ways to raise funding? When not to start-up? Listen in, and if you have any questions, do send them to us! ये स्टार्ट-अप क्या होता है? अपने स्टार्ट-अप आईडिया को कैसे परखा जाए, फंडिं…
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This week on Puliyabaazi, Pakistani scholar and author Dr. Ayesha Siddiqa joins us to discuss her much acclaimed book Military Inc. We understand the concept of Milbus, how Pakistan’s military economy evolved, and how it affects Pakistan’s politics. Listen in. सुनिए इस हफ़्ते की पुलियाबाज़ी पाकिस्तान के मिलिट्री कारोबार के बारे में स्कॉलर और लेखक आएश…
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A Republic Day Special Puliyabaazi on the idea of Constitutionalism. How did the idea of the modern Constitution emerge? What is the essence of it? What strengthens it? इस हफ़्ते गणतंत्र दिवस की हमारी परंपरा को जारी रखते हुए एक और पुलियाबाज़ी संविधान पर। संविधानवाद क्या है? क्या इस विचार को हमें पाश्चात्य विचार की तरह देखना चाहिए या एक आधुनिक विचार क…
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इस हफ़्ते चर्चा भारत की व्यापार नीति पर। कैसे कुछ बड़ी कम्पनियों के फायदे के लिए लगाए जा रहे आयत कर से भारत की महिलाओं को रोज़गार देनेवाली टेक्सटाइल और अपैरल इंडस्ट्री को नुक्सान हो रहा है? This week on Puliyabaazi, we discuss how some flawed trade policies are hurting the Indian textile industry which employs a huge proportion of women. Join us on th…
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Should India allow Indian citizens to hold dual citizenship? Is this a matter of principle or practicality? What are the pros and cons of allowing dual citizenship? We discuss this and more in this week’s Puliyabaazi. Check out: Dual citizenships to Indians possess challenge: EAM Jaishankar, but there is alternative Has the time come to reconsider …
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क्या भारत चीन के मैन्युफैक्चरिंग मॉडल की नकल करके विकास कर पायेगा? क्या भारत अपनी जनसंख्या और भारत की सर्विस सेक्टर में बढ़त का फायदा उठाकर एक बेहतर विकास का रास्ता खोज सकता है? इसी विषय पर अर्थशास्त्री रोहित लाम्बा और रघुराम राजन की नयी किताब ‘ब्रेकिंग थी मोल्ड’ पर विस्तार में चर्चा। What should be India’s strategy so that it can grow rich before i…
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क्या है एक धड़कते ऑनलाइन समाज को बनाने का फ़ॉर्मूला? क्यों बड़ी बड़ी कंपनियाँ इस काम में नाकाम होती नज़र आती है? सफल और स्वस्थ ऑनलाइन समुदाय की चाबी क्या है? इस विषय पर आज की पुलियाबाज़ी। What makes some online communities succeed, while others fail? Why is it so challenging to build online communities that thrive? We discuss the various factors that are…
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इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर चर्चा राजनीती में बढ़ते ध्रुवीकरण पर। लोग अक्सर दूसरी राजनीतिक पार्टी के समर्थकों से असहमत ही नहीं होते पर उन्हें नफरत भी करते है। इस प्रकार के तीखे ध्रुवीकरण के कारणों पर चर्चा एक समाजशास्री और डेटा साइंटिस्ट गौरव सूद से। This week, we explore the many aspects of increasing political polarisation with data scientist and indep…
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इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर चर्चा रक्तदान और अंगदान जैसे विवादित मुद्दे पर। क्या पैसे के लिए खून बेचना वैध होना चाहिए? क्या इससे भारत में खून की कमी से होती मृत्यु को घटाया जा सकता है? क्या है इसके नैतिक और सामाजिक मायने? आप भी जुड़ये इस पुलियाबाज़ी पर और हमसे साझा करिये अपने विचार। This week, we explore the ethical dilemmas and real life implications of …
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इस टेक्निकल पुलियाबाज़ी पर सुनिए रेत से चिप बनाती मशीन की बेहद जटिल यांत्रिकी की बारे में IIT दिल्ली से जुड़े असिस्टेंट प्रोफ़ेसर अवनीश पाण्डेय के साथ। Why is it so complicated to manufacture the photolithography machines that are critical to chip manufacturing? This week enjoy this technical Puliyabaazi with Asst. Prof. at IIT-Delhi, Awanish Pandey, …
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इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर चर्चा भारत की इजराइल विदेश नीति पर, और प्रणय की इजराइल यात्रा पर आधारित कुछ अवलोकन। This week we dive into the history of how India’s ties with Israel have evolved over time. What has been India’s stance on the Israel-Palestine issue? How has diplomatic ties with Israel strengthened over time? And some observations from Prana…
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इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर बातें भारतीय संस्थानों के हाल चाल पर, लेखक सुभाशीष भद्रा के साथ। कैसी होनी चाहिए हमारी संस्थाएँ? उनके कार्यपालन में किस प्रकार पारदर्शिता की कमी है, और इसके क्या परिणाम है हम भारतीयों के जीवन पर। How too much government is curtailing the rights of Indians? Is there enough transparency and oversight over the functioning of Ind…
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