सिनेमा हमारे जीवन की एक ऐसी प्रतिध्वनि है जो जीवन से सीख कर फिर उसे समझने और समझाने की प्रक्रिया उजागर करती है | हँसते, खिल-खिलाते, रोते, बूझते, लड़ाईयों और प्यार के बीच कहानियों और संवेदनाओं का यह पिटारा हमारे देश को १०० से भी अधिक वर्षों से बांधे हुए है | मनुष्य के संघर्षों और सोच को दर्शाने वाला यह माध्यम हर किसी का अपना निजी इतिहास बयान करता है| कहानियों और उनसे निकलने वाली सोच हर घर में चाय की चुस्की और समोसे के स्वाद में भर जाती हैं और हम सब किसी न किसी बहाने उनके होने वाले असर पर चर्चा ...
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*कहानीनामा( Hindi stories), *स्वकथा(Autobiography) *कवितानामा(Hindi poetry) ,*शायरीनामा(Urdu poetry) ★"The Great" Filmi show (based on Hindi film personalities) मशहूर कलमकारों द्वारा लिखी गयी कहानी, कविता,शायरी का वाचन व संरक्षण ★फिल्मकारों की जीवनगाथा ★स्वास्थ्य संजीवनी
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KarsanKaka
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रसीदी टिकट Epi -22 (Rasidi Ticket ,Amrita pritam's Biography part-22)
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'ओन' सूरज का एक नाम था ,इसी लिए फ़िनिशियन्स ने जब यूरोप में एक नयी धरती की खोज की ,उसका नाम ऐल -ओन-डोन रखा ,जो आज लन्दन हैं। इंग्लैंड की जड़ें हिब्रू भाषा में हैं। बैल के लिए हिब्रू भाषा में 'ऐंगल' शब्द हैं। नई खोजी हुई धरती को उन्होंने ऐंगल-लैंड का नाम दिया ,जो आज इंग्लैंड है। नींद के होठों से जैसे सपने की महक आती है पहली किरण रात के माथे पर तिलक लग…
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रसीदी टिकट Epi -21 (Rasidi Ticket ,Amrita pritam's Biography part-21)
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1975 में मेरे उपन्यास "सागर और सीपियाँ के आधार पर जब 'कादम्बरी' फिल्म बन रही थी तो उसके डायरेक्टर ने मुझसे फिल्म का गीत लिखने के लिए कहा। ... जब मैं गीत लिखने लगी तो अचानक वह गीत सामने आ गया ,जो मैंने 1960 में इमरोज़ से पहली बार मिलने पर अपने मन की दशा के बारे में लिखा था। ..... तब मुझे लगा जैसे चेतना के रूप में मैं पन्द्रह बरस पहले की वह घड़ी फिर से…
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रसीदी टिकट -Epi-20 (Rasidi ticket, Amrita Pritam's biography part 20
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एकाग्र मन हो कर इश्वर से कहा था कि 'मेरी माँ को मत मारो' विश्वास हो गया था कि अब मेरी माँ की मृत्यु नहीं होगी ,क्योंकि ईशवर बच्चों का कहा नहीं टालता ,पर माँ की मृत्यु हो गयी दो औरतें हैं ,जिनमें एक औरत शाहनी है और दूसरी एक वेश्या ,शाह की रखेल............. उस समय मैं भी वहां थी ,जब यह पता चला कि लाहौर की प्रसिद्ध गायिका तमंचा जान वहां आ रही है। वह आ…
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रसीदी टिकट Epi --19 (Rasidi Ticket ,Amrita pritam's Biography)
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मैं जब रोमानिया से बल्गारिया जा रही थी ,रात बहुत ठंडी थी ,पास में अपने कोट के सिवाय कुछ नहीं था ,वही घुटने जोड़ कर ऊपर तान लिया था ,फिर भी जब उसे सर करर और खींचती थी ,तो पैरों में ठिठुरन लगती थी। न जाने कब मुझे नींद आ गयी। लगा ,सारे शरीर में गर्मी आ गयी हैं। बाकी रात खूब गर्माइश में सोती रही ....... नायक को जानती हूँ ,उस दिन से ,जिस दिन उसे साधुओं क…
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रसीदी टिकट ,भाग-18 Rasidi Ticket,Amrita pritams's Biography,EPI-18)
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यह मेरी ज़िन्दगी में पहला समय था, जब मैंने जाना कि दुनिया में मेरा भी कोइ दोस्त है, हर हाल में दोस्त ,और पहली बार जाना कि कविता केवल इश्क़ के तूफ़ान से ही नहीं निकलती ,यह दोस्ती के शांत पानियों में से भी तैरती हुई आ सकती है। उस रात को उसने नज़्म लिखी थी --"मेरे साथी ख़ाली जाम ,तुम आबाद घरों के वासी ,हम हैं आवारा बदनाम "..... और ये नज़्म उसने मुझे रात को …
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रसीदी टिकट, भाग -17 (Rasidi Ticket ,Amrita Pritam's biography,epi-17)
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.गर्मी हो या सर्दी मैं बहुत से कपडे पहन कर नहीं सो सकती। सो रही थी ,जब यह फोन आया था। उसी तरह रजाई से निकल कर फोन तक आयी थी। लगा ,शरीर का मांस पिघल कर रूह में मिल गया है ,और मैं प्योर नेकेड सोल वहां खड़ी हूँ....... उस रेतीले स्थान पर दो तम्बू लगे हुए थे। मेरी आँखों के सामने तम्बू के अंदर का दृश्य फ़ैल गया। मैं देखता हूँ कि इसमें एक पुरुष है जिसे मैं …
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रसीदी टिकट -भाग -16 (Rasidi ticket, Amrita pritam's biography, epi-16)
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समरकंद में मैंने भी ऐसी ही बात वहां के लोगों से पूछी थी कि आपका इज़्ज़त बेग़ जब हमारे देश आया और उसने एक सुन्दर कुम्हारन से प्रेम किया ,तो हमने में कई गीत लिखे। क्या आपके देश में भी उसके गीत हैं ? तो वहां एक प्यारी सी औरत ने जवाब दिया ,हमारे देश में तो एक अमीर सौदागर का बेटा था ,और कुछ नहीं। प्रेमी तो वह आपके देश जाकर बना ,सो गीत आपको ही लिखने थे ,हम …
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रसीदी टिकट -भाग -15 (Rasidi ticket,Amrita pritam's biography ,epi--15)
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इथोपिया के प्रिंस का मन छलक उठा "आप कवि लोग भाग्यशाली हैं वास्तविक संसार नहीं बसता तो कल्पना का संसार बसा लेते हैं ,मैं बीस बरस वॉयलान बजाता रहा ,साज़ के तारों से मुझे इश्क़ है ,पर युद्ध के दिनों में मेरे दाहिने हाथ में गोली लग गयी थी ,अब मैं वॉयलान नहीं बजा सकता ,संगीत जैसे मेरी छाती में जम गया है। .... इतिहास चुप है। ..... मैं भी कल से चुप हूँ। ...…
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रसीदी टिकट --भाग 14 (Rasidi Ticket ,Amrita Pritam's biography epi-14
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टॉलस्टॉय की एक सफ़ेद कमीज़ टंगी हुई है। पलंग की पट्टी पर मैं एक हाथ रखे खड़ी थी कि ....... दाहिने हाथ की खिड़की से हल्की सी हवा आयी ..... और ुउस टंगी हुई कमीज की बांह मेरी बांह से छू गयी ..... एक पल के लिए जैसे समय की सूईयाँ पीछे लौट गयीं , 1966 से 1910 पर आ गयीं और मैंने देखा शरीर पर सफ़ेद कमीज पहन कर वहां दीवार के पास टॉलस्टॉय खड़े हैं। .... फिर लहू की…
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रसीदी टिकट --भाग 13 (Rasidi Ticket , Amrita pritam's biography epi--13)
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अजीब अकेलेपन का एहसास है। हवाई जहाज़ की खिड़की से बाहर देखते हुए अच्छा लगता है ,जैसे किसी ने आसमान को फाड़कर उसके दो भाग कर दिए हों। प्रतीत होता है -- फटे हुए आसमान का एक भाग मैंने नीचे बिछा लिया है ,और दूसरा अपने ऊपर ओढ़ लिया है सोफ़िया के हवाई अड्डे पर बिलकुल अजनबी सी खड़ी हूँ। अचानक किसी ने लाल फूलों का गुच्छा हाथ में पकड़ा दिया है ,और साथ ही पूछा है ,…
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"रसीदी टिकट"-- भाग 12 ("Rasidi Ticket" Amrita pritam's biography part -12)
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हमने आज ये दुनियां बेची .... और दीन खरीद लाये ... बात क़ुफ़्र की ,की है हमने ... सपनों का इक थान बुना था.... गज़ एक कपड़ा फ़ाड़ लिया ... और उम्र की चोली सी ली हमने .... अंबर की इक पाक सुराही ... बादल का इक जाम उठाकर ... घूँट चांदनी पी है हमने ....हमने आज ये दुनिया बेची। ........ मैं औरत थी चाहे बच्ची सी और ये ख़ौफ़ विरासत में पाया था कि दुनिया के भयानक जंग…
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छोटी-छोटी कहानियां, वो कहानियां जो हम पढ़ते है सोशल मीडिया के बड़े बड़े प्लेटफ़ॉर्मस पर, छोटी छोटी कहानियां हमारे जीवन का आईना होती हैं ,इनमें हमारा अक्स दिखता है। छोटी छोटी कहानियां हमें बड़ी बड़ी सीख दी जाती हैं। सुनिये छोटी सी कहानी "खुशियों भरी पासबुक"
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स्वकथा - "रसीदी टिकट" -- भाग 11 ( "Rasidi Ticket" Amrita pritam's biography part- 11)
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एक सपना और था जिसने मेरी उठती जवानी को अपने धागों में लपेट लिया था। हर तीसरी या चौथी रात देखती थी कोइ दो मंज़िला मकान है, वो बिलकुल अकेला ,आसपास कोइ बस्ती नहीं ,चारो ओर जंगल है और जहाँ वो मकान है उसके एक तरफ नदी बहती है...... नदी की ओर उस मकान की दूसरी मंज़िल की एक खिड़की खुलती है। जहाँ कोई खड़ा खिड़की से बाहर जंगल के पेड़ों व नदी को देख रहा है। मुझे सिर…
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स्वकथा --"रसीदी टिकट" भाग -10 (Amrita Pritam's biography epi-10)
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महारानी एलिज़ाबेथ जिस युवक से मन ही मन प्यार करती हैं ,उसे जब समुद्री जहाज़ देकर काम सौंपती हैं ,तो दूरबीन लगाकर जाते हुए जहाज़ को देखकर परेशान हो जाती हैं । देखती हैं कि नौजवान प्रेमिका भी जहाज़ पर उसके साथ है। वे दोनों डैक पर खड़े हैं ,उस समय महारानी को परेशान देखकर उसका एक शुभचिंतक कहता है ,'मैडम ! लुक ए बिट हायर !' ऊपर ,उस नवयुवक और उसकी प्रेमिका के…
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स्वकथा--"रसीदी टिकट" भाग-9 ( Rasidi ticket, Amrita pritam's biography epi-9)
10:35
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किसी बहुत ऊंची ईमारत के शिखर पर मैं अकेले खड़े हो कर अपने हाथ में लिए हुए कलम से बातें कर रही थी --- 'तुम मेरा साथ दोगे ? --कितने समय मेरा साथ दोगे ?'अचानक किसी ने कसकर मेरा हाथ पकड़ लिया। 'तुम छलावा हो ,मेरा हाथ छोड़ दो।' मैंने कहा , और ज़ोर से अपना हाथ छुड़ाकर उस ईमारत की सीढ़ियां उतरने लगी। मैं बड़ी तेज़ी से उतर रही थी , पर सीढ़ियां ख़त्म होने में नहीं आत…
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कहते हैं एक औरत थी। उसने बड़े सच्चे मन से किसी से मोहब्बत की। एक बार उसके प्रेमी ने उसके बालों में लाल गुलाब का फूल अटका दिया। तब औरत ने मोहब्बत के बड़े प्यारे गीत लिखे। 'वह मोहब्बत परवान नहीं चढ़ी। उस औरत ने अपनी ज़िंदगी समाज के गलत मूल्यों पर न्योछावर कर दी। एक असहाय पीड़ा उसके दिल में घर कर गयी,और वह सारी उम्र अपनी कलम को उस पीड़ा में डुबो कर गीत लिखत…
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स्वकथा -"रसीदी टिकट" भाग -7 ("Rasidi Ticket",Amrita Pritam's biography, epi-7)
15:56
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लाहौर में जब कभी साहिर मिलने के लिए आता था ,तो जैसे मेरी ही ख़ामोशी में से निकला हुआ खामोशी का एक टुकड़ा कुर्सी पर बैठता था और चला जाता था..... वह चुपचाप सिगरेट पीता रहता था ,कोई आधी सिगरेट पी कर राखदानी में बुझा देता था ,फिर नयी सिगरेट सुलगा लेता था ,और उसके जाने के बाद केवल सिगरटों के बड़े -बड़े टुकड़े कमरे में रह जाते थे। कभी ... एक बार उसके हाथ को छ…
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दुखों की कहानियां कह -कहकर लोग थक गए थे ,पर ये कहानियां उम्र से पहले ख़त्म होने वाली नहीं थीं। मैंने लाशें देखी थीं ,लाशों जैसे लोग देखे थे ,और जब लाहौर से आकर देहरादून में पनाह ली ,तब नौकरी की और दिल्ली में रहने के लिए जगह की तलाश में दिल्ली आयी ,और जब वापसी का सफर कर रही थी ,तो चलती हुई गाड़ी में ,नींद आंखों के पास नहीं फाटक रही थी..... गाड़ी के बाह…
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स्वकथा -"रसीदी टिकट" भाग- 5 ("Rasidi Ticket", Amrita Pritam's biography epi-5)
11:44
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एक लंबा और सांवला सा साया था ,जब मैंने चलना सीखा ,तो मेरे साथ साथ चलने लगा। एक दिन वो आया ,तो उसके हाथ में एक काग़ज़ था ,उसकी नज़्म का। उसने नज़्म पढ़ी और वो काग़ज़ मुझे देते हुए जाने क्यों उसने कहा --" इस नज़्म में जिस जगह का ज़िक्र है ,वो जगह मैंने कभी देखी नहीं, और नज़्म में जिस लड़की का ज़िक्र है , वो लड़की कोइ और नहीं....." मैं काग़ज़ लौटाने लगी ,तो उसने कहा…
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"वह लड़की" --सआदत हसन मंटो लिखित कहानी
12:33
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सुरेंद्र दिल ही दिल में बहुत ख़फ़ीफ़ हो रहा था,उसने एक बार बुलंद आवाज़ में उस लड़की को पुकारा ,"ए लड़की !" लड़की ने फिर भी उसकी तरफ न देखा. झुंझला कर उसने अपना मलमल का कुरता पहना और नीचे उतरा।जब उस लड़की के पास पहुंचा तो वो उसी तरह अपनी नंगी पिंडली खुजला रही थी. सुरेंद्र उसके पास खड़ा हो गया। लड़की ने एक नज़र उसकी तरफ देखा और सलवार नीची करके अपनी पिंडली ढांप …
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ख़ुदा की जिस साज़िश ने यह सोलहवां वर्ष किसी अप्सरा की तरह भेज कर मेरे बचपन की समाधि भंग की थी, उस साज़िश की मैं ऋणी हूँ,क्योंकि उस साज़िश का संबंध केवल एक वर्ष से नहीं था, मेरी सारी उम्र से है।----अमृता प्रीतम,{रसीदी टिकट,---पाठ-6 ,सोलहवाँ साल
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बाहर जब शारीरिक तौर पर मेरी बचकानी उम्र उनके पितृ -अधिकार से टक्कर न ले सकती ,तब मैं आलथी -पालथी मार के बैठ जाती ,आँखें मीच लेती ,पर अपनी हार को अपने मन का रोष बना लेती ---'आँख मीच कर अगर मैं ईश्वर का चिंतन न करूँ ,तो पिता जी मेरा क्या कर लेंगे ? जिस इश्वर ने मेरी वह बात नहीं सुनी,अब मैं उससे कोई बात नहीं करूंगी। उसके रूप का भी चिंतन नहीं करूंगी। अ…
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"The Great" Filmi Show "KEDAR SHARMA"
13:20
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केदार शर्मा हिंदी फिल्म जगत की नीव का पत्थर कहे जाते हैं। मूक फिल्मों के दौर से लेकर सन 1990 दशक तक हिंदी सिनेमा के हर दौर के साक्षी रहे केदार शर्मा फिल्मों के हर पक्ष के जानकार थे। अभिनेता ,फिल्म निर्माता- निर्देशक लेखक और गीतकार केदार शर्मा बहुमुखी प्रतिभा के धनी फनकार हुए हैं। केदार शर्मा पर केंद्रित "द ग्रेट" फ़िल्मी शो के इस अंक में आप केदार शर…
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ये एक वह पल है .... ...... रसोई में नानी का राज होता था ,सबसे पहला विद्रोह मैंने उसी के राज में किया ........ न नानी जानती थी न मैं , की बड़े होकर ज़िन्दगी के कई बरस जिससे मैं इश्क़ करुँगी वह उसी मज़हब का होगा ,जिस मज़हब के लोगों के लिए घर के बर्तन भी अलग रख दिए जाते थे ------अमृता प्रीतम ,रसीदी टिकट (पाठ -३ )…
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क्या ये क़यामत का दिन है ? ..... ज़िन्दगी के कई पल जो वक़्त की कोख से जन्मे ,और वक़्त की क़ब्र में गिर गए ,आज मेरे सामने खड़े हैं ⋯ये सब क़ब्रें कैसे खुल गईं ?..... और ये सब पल जीते जागते क़ब्रों में से कैसे निकल आये ? .... ये ज़रूर क़यामत का दिन है ..... ये 1918 की क़ब्र में से निकला एक पल है -----मेरे अस्तित्व से भी एक बरस पहले का। आज पहली बार देख रही हूँ ,…
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ज़िन्दगी जाने कैसी किताब है......जिसकी इबारत अक्षर-अक्षर बनती है ..... ,और फिर अक्षर-अक्षर टूटती . .बिखरती.. और बदलती है .... और चेतना की एक लम्बी यात्रा के बाद एक मुकाम आता है ,जब अपनी ज़िंदगी के बीते हुए काल का .. उस काल के हर- हादसे का . .. उसकी हर सुबह की निराशा का .. उसकी हर दोपहर की बेचैनी का ... उसकी हर संध्या की उदासीनता का ... और उसकी जागती …
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पंजाबी व हिंदी भाषा की सशक्त लेखिका व कवियत्री अमृता प्रीतम की आत्मकथा पाठक व श्रोता को उस दुनिया में विचरण कराती है जहाँ सपनों का काल्पनिक संसार मूर्त रूप में घटित होता है। उनका ये संसार किसी को बंधक नहीं बनाता बल्कि विश्वास की डोर थाम कर मुक्ति का मार्ग दिखाता है। अंतरात्मा के लिए ये मुक्ति जितनी सहज और सरल है उतनी कठिन भी है ,जितनी सामाजिक है उत…
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खोल दो बंद दरवाज़ा--जयंती रंगनाथन लिखित कहानी(Khol do band darwaza..story by Jayanti rangnathan)
13:29
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महानगरीय जीवन के आपाधापी भरे जीवन के बीच मानवीय संवेदनाओं के स्पंदन की कहानी है "खोल दो बंद दरवाज़ा" मशहूर पत्रकार व लेखिका जयंती रंगनाथन द्वारा लिखित ये कहानी हृदय के गुबार को चीर कर मन के दरवाजों को खोलने व उन्मुक्त उड़ान का संदेश देती है।
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010 Chalti Ka Naam Gaadi | Satyen Bose
57:10
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इस कड़ी में शिबांगी और अभिनव सन १९५८ की ग़ज़ब कॉमेडी फिल्म 'चलती का नाम गाड़ी' के बारे में चर्चा करेंगे, जो हँसाती तो है पर उसी के दौरान कई ज़रूरी बातें समझा जाती है। जान-बूझकर निर्माता किशोर कुमार फ़्लॉप फ़िल्म बनाते-बनाते, अनजाने में एक ऐसी कमाल की फ़िल्म बना बैठे की यह एक मिसाल बन गयी। सत्येन बोस द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म को अशोक कुमार, अनूप कु…
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खोल दो ! सआदत हसन मंटो लिखित कहानी("KHOL DO"Story by Saadat Hasan Manto)
10:32
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1947 में देश का बंटवारा हुआ। लाखों लोग लापता हुए,अपनो से बिछुड़े, और मारे गए। इस त्रासदी को मंटो ने नज़दीक से देखा।मार काट देखी,आम आदमी को शैतान बनते देखा। इस त्रासदी की विडंबना रही के रक्षक ही भक्षक बने। इसी बिंदु को केन्द्र में रख कर लिखी गयी कहानी है "खोल दो"।विभाजन के वक़्त अपने पिता से बिछुड़ी 17 वर्ष की खूसूरत लड़की सकीना को जनता के मददगार कहे जान…
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009 Tumbbad | Rahi Anil Barve
45:02
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इस कड़ी में शिबांगी और अभिनव सन २०१८ में बनी राही अनिल बर्वे द्वारा बनाई गई फिल्म तुम्बाड़ के बारे में बात करेंगे। भारतीय सिनेमा के नए उदय में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए यह फिल्म न सिर्फ समकालीन सिनेमा बल्कि भारतीय हॉरर सिनेमा का भी श्रेष्ठ उदहारण है। दर्शकों के मन में डर और तनाव के माहौल को बरकरार रखने के लिए अभिनय कौशल का उत्तम परिचय दिया ह…
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अमृता प्रीतम लिखित "धन्नों"समाज में अपने दम पर अकेली जीने वाली उस औरत की कहानी है जिसका हथियार उसकी ज़ुबान है।अपनी ज़ुबान से समाज का सच उधेड़ कर नंगा कर देने वाली धन्नों अपने जीवन के अंत में एक बेहतरीन और अनुकरणीय मिसाल समाज के सामने रख जाती है। क्या थी वो मिसाल ? जानने के लिए सुनिए कहानी "धन्नों"
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नीचे के कपड़े(Neeche ke kapde)Story by Amrita preetam
14:03
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"नीचे के कपड़े" अमृता प्रीतम की दस प्रतिनिधि कहानियों में शुमार है।ये कहानी मन और बदन ,पूरे और अधूरे, उजागर और छिपे रिश्तों को बयां करती है। खानाबदोश औरतों की रवायत है कि वे अपनी कमर पर पड़ी नेफे की लकीर पर उसका नाम गुदवाती हैं जिस से वे मोहब्बत करती हैं। सिवाय ईश्वर की आंख के कोई भी किसी औरत का कमर से नीचे का बदन नहीं देख सकता। इस कहानी के पात्र अक्…
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लटिया की छोकरी (epi-2)Latiya ki chhokri(part-2)
14:09
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लटिया की छोकरी अमृता प्रीतम की दस प्रतिनिधि कहानियों में से एक है।ये कहानी निडर और साहसी आदिवासी लड़की चारु के अंतर्व्यथा और प्रतिशोध के अभिव्यक्ति है।ये कहानी दो भागों में upload की गई है।ये लटिया की छोकरी का दूसरा भाग है।पहला भाग सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं।https://anchor.fm/sukhnandan-bindra/episodes/epi-1Latiya-ki-chhokripart-1-eu53g6…
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लटिया की छोकरी(epi-1)Latiya ki chhokri(part-1)
15:27
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लटिया की छोकरी अमृता प्रीतम द्वारा लिखी गयी दस प्रतिनिधि कहानियों में से एक है। ये कहानी में निडर आदिवासी लड़की चारु की अंतर्व्यथा और प्रतिशोध का बड़ा मार्मिक चित्रण है।ये कहानी दो भागों में upload की गई है।ये इसका पहला भाग है।दूसरा भाग सुनने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।. https://anchor.fm/sukhnandan-bindra/episodes/epi-2Latiya-ki-chhokripart-…
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oo8 Maine Pyar Kiya | Sooraj Barjatya
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इस कड़ी में शिबांगी और अभिनव सन १९८९ में बनी सूरज बड़जात्या की सुपरहिट फिल्म मैंने प्यार किया के बारे में बात करेंगे| भारतीय युवाओं को एक नयी सोच और प्यार करने के तरीके से अवगत कराने का श्रेय इस फिल्म को जाता है| मुख्य भूमिका में हैं सलमान ख़ान, भाग्यश्री, लक्ष्मीकांत बेर्डे, रीमा लागू, आलोक नाथ, अजित वाच्छानी और मोहनीश बहल, जिनके ताज़गी से डूबी अद…
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"शाह की कंजरी"अमृता प्रीतम लिखित कहानी(Shah ki kanjaree"--story by Amrita Preetam)
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अमृता प्रीतम लिखित कहने "शाह की कंजरी" समाज के दोगलेपन और स्त्री के मन का गहन चित्रण प्रस्तुत करती है
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oo7 Anand | Hrishikesh Mukherjee
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इस कड़ी में शिबांगी और अभिनव सन १९७१ में बनी हृषिकेश मुख़र्जी की शानदार फिल्म आनंद के बारे में बात करेंगे| शायद बॉलीवुड के इतिहास में जीवन दर्शन पर बनी सबसे सरल और करुणा से भरी कहानियों में से एक है| मुख्य भूमिका में हैं राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, सुमिता सान्याल, रमेश देव, सीमा देव, ललिता पवार, दुर्गा खोटे एवं जॉनी वॉकर, जिन्होंने अपने अभिनय कौशल स…
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oo6 Mughal-E-Azam | K. Asif
46:21
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इस कड़ी में शिबांगी और अभिनव सन १९६० में बनी करीमुद्दीन आसिफ़ की शानदार फिल्म मुग़ल-ए -आज़म, जो शायद बॉलीवुड के इतिहास में सबसे सुन्दर और सर्वश्रेठ प्रेम कहानियों में मानी जाती है, के बारे में बात करेंगे| मुख्य भूमिका में हैं पृथ्वीराज कपूर, मधुबाला, दिलीप कुमार, दुर्गा खोटे, निग़ार सुल्ताना, अजीत, मुराद एवं कुमार, जिन्होंने अपने अभिनय कौशल से सिने…
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005 Chaalbaaz | Pankaj Parashar
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इस कड़ी में शिबांगी और अभिनव सन १९८९ की पंकज पराशर-कृत चालबाज़ के बारे में बात कर रहे हैं| मुख्य भूमिका में हैं श्रीदेवी, रजनीकांत, श्रीदेवी, सनी देओल, अनुपम खेर, रोहिणी हट्टंगड़ी, अन्नू कपूर, शक्ति कपूर, सईद जाफरी और अरुणा ईरानी जैसे कलाकार जिन्होंने ऐसा रंग जमाया है कि फिल्म ३० साल के बाद भी मज़ेदार और रोमांचक है| सुनिए, और मज़े लीजिये| आभार: fre…
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004 Independence Day Special | Swades | Ashutosh Gowariker
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स्वाधीनता दिवस की इस ख़ास कड़ी में शिबांगी और अभिनव सन २००४ की आशुतोष गोवारिकर कृत स्वदेस के बारे में बात कर रहे हैं | मुख्य भूमिका में हैं शाहरुख़ ख़ान, गायत्री जोशी, किशोरी बल्लाल, राजेश विवेक, दया शंकर पाण्डेय, लेख टंडन और विश्व मोहन बडोला | ख़ास भूमिका में नज़र आते हैं मकरंद देशपांडे | फिल्म देशभक्ति को नयी परिभाषा देती है और हिंदी सिनेमा के इत…
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003 Maqbool | Vishal Bhardwaj
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इस कड़ी में शिबांगी और अभिनव सन २००३ की विशाल भारद्वाज कृत मक़बूल के बारे में बात कर रहे हैं | मुख्य भूमिका में हैं इरफ़ान, तब्बू, मासुमेह, अजय गेही, पीयूष मिश्रा,ओम पूरी, नसीरुद्दीन शाह और पंकज कपूर | फिल्म हिंदी सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर मानी जाती है | सुनिए और मज़ा लीजिये | आभार: freemusicarchive.org Music: Octopussy, Exotica, Soul Walki…
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002 Chameli ki Shaadi | Basu Chatterjee
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इस कड़ी में शिबांगी और अभिनव सन १९८६ की बासु चटर्जी कृत चमेली की शादी के बारे में बात कर रहे हैं | मुख्य भूमिका में हैं अनिल कपूर, अमृता सिंह, पंकज कपूर, भारती अचरेकर, सत्येन कप्पू, तबस्सुम, अन्नू कपूर, राम सेठी, अमजद खान, और ओमप्रकाश | फिल्म आज और भी प्रचलित, प्रेरणादायी और हँसी से भरपूर है | सुनिए और मज़ा उठाइये | आभार: freemusicarchive.org Music…
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001 Amar Akbar Anthony | Manmohan Desai
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इस कड़ी में शिबांगी और अभिनव सन १९७७ की मनमोहन देसाई कृत अमर अकबर एंथोनी के बारे में बात कर रहे हैं | अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, ऋषि कपूर, शबाना आज़मी, परवीन बाबी, नीतू सिंह, मुकरी, निरुपा रॉय, प्राण और जीवन ने फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहें हैं | फिल्म आज भी प्रचलित और प्रेरणादायी है | सुनिए और मज़ा उठाइये | आभार: freemusicarchive.org Music: Oct…
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Von Red FM
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Nagin - Filmy Dayro-02Von Red FM
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Nagin - Filmy Dayro-01Von Red FM
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Nagin - Filmy Dayro-04Von Red FM
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